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Saturday, August 22, 2009

मिलेगी परिंदे को भी मंजिल एक दिन

मिलेगी परिंदे को भी मंजिल एक दिन , ये फैलाये हुए उनके पर बोलते है !
खामोश रहते है अक्सर बो लोग , ज़माने में जिनके हुनर बोलते है !!

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